श्री मद भागवत कथा का अमृत दानव को मानव बना देता है अमृत रस कहा है इंसान जन्मो जन्मो से संसार मे खोज रहा है संसार के विष से वचना है तो भागवत कथा के अमृत को पीना पड़ेगा ये विचार साईं दास स्कूल पटेल चौक मे श्री बांके विहारी प्रचार समिति के कार्यक्रम के दौरान श्री गौरव कृष्ण महाराज जी ने अपनी कथा के दौरान व्यक्त किए हैं उन्होंने कहा कि जब एक दानव ने श्रीमद् भागवत कथा का अमृत पिया तो श्री कृष्ण भगवान केवल दानव के लिए विमान लेकर नहीं आए बल्कि पंडाल में सभी कथा सुनने वालों को अपने धाम ले गए उन्होंने कहा कि जैसे कमल के फूल को देखकर भंवरे उनके पास चले आते हैं इसी प्रकार जब भागवत कथा शुरू होती है तो कृष्ण दीवाने श्रीमद् भागवत कथा का अमृत पीने के लिए वहां पर खींचे जाते हैं उन्होंने कहा है कि अपने दम पर ना तो तुम संसार से जा सकते हो और ना ही संसार में आ सकते हो कोई ऐसी शक्ति तो है जो आपके पीछे काम कर रही है शक्ति और असल रस को पहचानो कहां है असल रस कहां है संसार में नहीं ये रस भगवान श्री कृष्ण के भक्ति में है रस भगवान ही है उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपए देकर तुम सांस नहीं खरीद सकते कोरोना के समय में लोगों का करोड़ों रुपया धरा का धरा रह गया ऐसा कुछ काम नहीं आया उन्होंने कहा कि उसे समय तो जिसने भगवान का नाम लिया था भगवान का नाम ही उनके लिए अमृत रस बन गया उन्होंने कहा की भागवत कथा का अमृत पाकर दानव मानव बन गए हैं कथा में कई उदाहरण श्री कृष्ण गौरव महाराज जी ने कथा में दी है इसके अलावा कथा में श्री कृष्णा गौरव जी महाराज जी ने कृष्ण भक्तों को ऐसे भजन सुनाए सारे वक्त कृष्ण भक्ति में नाचने को मजबूर हो गए और सारा माहौल कृष्णमय हो गया
जय भगवान श्रीकृष्णा