फगवाड़ा…भागवत कथा के दूसरे दिन श्री कृष्ण गौरव जी महाराज ने कृष्ण प्रेमियों को सावधान कर कहां कि तुम कई जन्मों के सोए पड़े हो अब तो तुम्हें जागना ही पड़ेगा गौरव कृष्ण जी महाराज ने कहा कि लोगों ने पैसों से सुख पाने के लिए हर साधन को प्राप्त कर लिया है लेकिन शांति नहीं मिली वेदव्यास जी ने नारद से पूछा उन्होंने कई ग्रंथ लिख डाले हैं लेकिन उनके जीवन में शांति नहीं है तो फिर नारद जी ने वेदव्यास जी से कहा था कि तुम भागवत कथा की रचना करो नारद के कहने पर वेदव्यास जी ने फिर श्रीमद् भागवत की रचना की थी उन्होंने कहा कि भगवत कृपा का मार्ग हमेशा खुला रहता है जागो जागो जपों मुरारी अब सोने की जरूरत नहीं है श्री कृष्ण के चरणों में जाकर ही मनुष्य को शांति मिल सकती है इसके अलावा और कोई दूसरा साधन नहीं है उन्होंने कहा की भागवत कथा का अमृत कैलाश बैकुंठ में नहीं मिलेगा भागवत कथा का अमृत पीओ भागवत कथा का अमृत गिलास से नहीं पीना है भागवत कथा का रस आंखों और कानों के माध्यम से अपने हृदय तक पहुंचाना है उन्होंने कहा की भागवत कथा के विचार जब कानों को छू जाते हैं लेकिन हृदय तक नहीं पहुंच पाते यदि आंखों और कानों को माध्यम से दिल जुड़ गया तो आंखों से आंसू आ जाते हैं भागवत नाम का कीर्तन वाणी से पियो और अपने जीवन में शांति प्राप्त करो
जालंधर के साईदास स्कूल में श्री मद् भागवत कथा के दूसरे दिन गौरव कृष्ण जी महाराज ने कहा करोड़ों रुपए के साधनों से नहीं श्रीमद् भागवत कथा अमृत पीने से मिलेगी मन को शांति.. कथा रूपी अमृत को कैसे पीना है पढ़ो फगवाड़ा एक्सप्रेस न्यूज़ पर विनोद शर्मा की रिपोर्ट..8528121325
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