फगवाड़ा एक्सप्रेस न्यूज़ की तरफ से सवाल पूछा गया था कि यशोदा के घर में मकान की कमी नहीं थी तो भगवान श्री कृष्ण मां यशोदा के घर में माखन न खाकर गोपियों का माखन चुराकर क्यों खाते थे लेकिन इसका कोई भी उत्तर किसी भी पाठक ने नहीं दिया दोनों के इसके पीछे बहुत बड़ा रहस्य था जो की कृष्णा भगत कम जानते हैं जन्माष्टमी मंदिरों में भगवान श्री कृष्ण की श्रद्धा पूर्ण की पूजा होती है और मंदिर सजाए जाते हैं जिसमें खास एक कृष्ण लीला दिखाई जाती है भगवान श्री गोपियों का चुरा चुरा कर माखन खाते हैं आखिर क्यों श्री कृष्ण गोपियों का चुराकर माखन क्यों खाते थे
जिसका उत्तर है भगवान श्री कृष्ण गोपियों का चुराकर माखन इसलिए खाते थे क्योंकि उन्होंने सभी संसार के लोगों को संतुष्ट करना है उनकी भूख को मिटाना है चाहे वह साधु हो जानवर हो देवता हो सर्व कल्याण के लिए भगवान श्री कृष्ण गोपियों को चुरा चुरा कर माखन खाते थे अब भक्तों के मन में के प्रश्न उठ रहा होगा कि सारे संसार को वह संतुष्ट और उनकी भूख कैसे मिटाते थे और यशोदा का घर का माखन खाकर लोगों की सर्व संसार के जीवों की भूख क्यों नहीं मिटती थी सबसे पहले कृष्ण भक्तों जान लो के कृष्ण भगवान के अंदर ब्रह्मांड दिखाया गया है जिसमें सभी जीव साधु संत देवी देवता निवास कर रहे हैं पूरा संसार उसमें समाया हुआ है यदि भगवान कृष्ण को मां यशोदा माखन खिलाया करती थी मां होने के कारण उनके मन में एक भाव प्रकट होता था मेरे कृष्णा बहुत कमजोर हो गए हैं माखन खाकर अब बहुत ही ताकतवर हो जाएंगे इस भाव से खिलाया माखन भगवान श्री कृष्ण के शरीर को मजबूत करता था ना की सर्व कल्याण के लिए प्रयोग होता था जब भगवान श्री कृष्ण गोपियों का चुरा कर माखन खाते थे पूरे ब्रह्मांड में माखन पहुंच जाता था
ऐसी एक लीला भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत में भी की थी जब हजारों की मात्रा में साधु द्रौपदी के द्वार पर आं खड़े हुए साधु ने द्रौपदी से कहा कि उन्हें भोजन करना है वह अभी नहा कर आते हैं जिससे द्रौपदी घबरा गई पुराने भगवान कृष्ण से प्रार्थना की और बताया तो उनके घर में तो खाने को कुछ भी नहीं है द्रोपदी के घर से के एक चावल को भगवान श्री कृष्ण ने खाया तो नहाते साधुओं का वहां पर ही पेट भर गया वहीं से ही कहीं और चले गए भगवान श्री कृष्ण ने एक चावल खाकर हजारों साधुओं का पेट भर दिया इसी तरह गोपियों का घर का माखन खाकर भगवान श्री कृष्ण सारे संसार के जीव जंतुओं देवी देवताओं का कल्याण के साथ उनकी पेट की भूख मिटाते थे
बोलो जय भगवान श्री कृष्ण