फगवाड़ा में नकली टांग लगवाने का मामला. क्रेडिट या मजबूरी…… गांव साहनी वृद्ध आश्रम के पूर्व प्रधान कृपाल सिंह ने कहा डोनेटर को बताना पड़ता है उनका कितना पैसा कहां हुआ खर्च . संस्थाएं अपनी शोहरत के लिए गरीब को एडवर्टाइजमेंट ना बनाएं… रजिंदर करबल… विनोद शर्मा की रिपोर्ट.

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फगवाड़ा में एक नौजवान की नकली टांग लगाने का मामला आया है जिसमें आजाद यूथ वेलफेयर संस्था ने प्रेस कांफ्रेंस करके जनता को बताया है कि के एल चाँद संस्था ने अखबार में खबर लगवाकर कहां है कि उनकी संस्था ने नौजवान की नकली टांग लगाकर उसको राखी का तोहफा दिया है आजाद यूथ क्लब ने बताया कि उन्होंने नौजवान कौन नकली टांग लगवाने के लिए ₹38000 का चेक दिया है जो संस्था दावा कर रही है उस संस्था ने ₹20000 दिया इस मामले ने जब तूल पकड़ा तो संस्थओं पर सवाल खड़े हो गए इस संबंध में जब लोगों से बात की तो उनके सामने एक प्रश्न रखा गया क्या क्रेडिट लेने के लिए संस्थाएं जनता की सेवा कर रही है और या उनकी कोई मजबूरी है इस संबंध में गांव साहनी के वृद्ध आश्रम के पूर्व प्रधान कृपाल सिंह ने बताया उनकी संस्था को विदेश और कई जगह से पैसा आता था डोनेटर को बताने के लिए समारोह रखने पड़ते हैं और वही तस्वीर डोनेटर को भेजी जाती है यह को क्रेडिट लेने का मामला नहीं है इसी प्रकार राजेंद्र करवल ने बताया कि संस्थाएं गरीब व्यक्ति का मजाक बना रही है संस्थाओं को चाहिए कि अपनी शोहरत के लिए गरीब को अपनी एडवरटाइजमेंट के लिए प्रयोग ना करे इस मामले को हम क्रेडिट भी कह सकते हैं और मजबूरी भी गौरतलब है कि शहर में एक नौजवान की नकली टांग लगवाने का मामला सामने आया था जिसमें आजाद यूथ वेलफेयर संस्था ने दूसरी संस्था पर सवाल खड़े किए कि उन्होंने गलत जानकारी देकर जनता को गुमराह किया है इसके स्पष्टीकरण हेतु दान लेने वाले व्यक्ति को कमरे पर आकर बार-बार कहना पड़ा कि उसने इस संस्था से इतने रुपए लिए और इस संस्था से इतने रुपए लिए जिसमें लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया में संस्थाओं से अपील की है कि अपनी शोहरत के लिए संस्थाएं गरीब को अपनी एडवर्टाइजमेंट के लिए प्रयोग ना करें

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