चंद्रमा भगवान शिव शंकर के मस्तक पर विराजमान चंद्रमा से छेड़छाड़ से हो सकते हैं भयानक तबाही के आसार.. स्वामी कैलाशपुरी जी महाराज

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महाकाल भैरव अखाड़ा के प्रमुख और सनातन धर्म की अलख जगा रहे स्वामी कैलाशपुरी महाराज ने कहा है कि भारत चांद के दक्षिणी हिस्से में भले ही पहुंच गया हो मगर अब विश्व में चंद्रमा पर पहुंचने की होड़ भी लगेगी। स्वामी कैलाशपुरी ने एक पखवाड़ा पहले ही ऐलान कर दिया था कि भारत चांद पर सफलतापूर्वक लैंडिंग करेगा लेकिन अब स्वामी कैलाशपुरी ने कहा है कि यदि ईश्वर की रचना चंद्रमा से छेड़छाड़ हुई तो विश्व में भयानक तबाही भी संभव है।उन्होंने कहा कि चंद्रमा भगवान शिव शंकर के मस्तक पर विराजमान हैं और भगवान शिव शंकर स्वयं प्राकृतिक के रचयिता हैं। यदि विश्व भर के वैज्ञानिक खनिज लवण और अन्य तत्वों को हासिल करने के लिए चंद्रमा से छेड़छाड़ करेंगे तो समूचे विश्व को भगवान शिव शंकर का कोप भाजन झेलने के लिए भी तैयार रहना होगास्वामी कैलाशपुरी ने कहा कि चंद्रमा एक ग्रह होने के साथ-साथ भगवान की रचना भी है। चंद्रमा पर जाना गलत बात नहीं मगर चंद्रमा से छेड़छाड़ करने का मतलब होगा भगवान की रचना से छेड़छाड़। भारत के चांद के दक्षिणी हिस्से में पहुंचने के बाद अब दूसरे देशों में होड़ भी संभावित है। ऐसे में चंद्रमा से छेड़छाड़ ना हो इसे सुनिश्चित करना जरूरी है। देश का समूचा संत समाज भी इसे लेकर चिंतित है। स्वामी कैलाशपुरी ने कहा कि इंसान ने पहले ही प्राकृतिक से काफी छेड़छाड़ की है इसके दुष्परिणाम भी अब सामने आ रहे हैं। मानव कल्याण के लिए प्राकृतिक सोत्रों से की जाने वाली छेड़छाड़ मानव के लिए ही तबाही है।

स्वामी कैलाशपुरी ने कहा कि धरती पर अब ऐसी आपदाएं आने वाली हंै जिससे मानव की रूह कांप जाएगी। स्वामी कैलाशपुरी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वयं ईश्वर की रचना चंद्रमा की रक्षा को लेकर पहल करते हुए पूरे विश्व में मुहिम चलानी चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्व भर में आ रही प्राकृतिक आपदाएं प्राकृतिक से ही छेड़छाड़ का नतीजा हैं। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने मानव के लिए धरती पर ही समूची व्यवस्था की है। ऐसे में खनिज तत्वों और पानी को खोजने के लिए चंद्रमा को खंडित करने की जरूरत नहीं है। यदि ऐसा हुआ तो धरती पर भारी तबाही निश्चित है। भारत के उत्तराखंड और हिमाचल में आया लैंडस्लाइड और भू संकलन तथा तबाही ईश्वर का ही ईशारा है। यह बात देश की सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओर वैज्ञानिकों को अच्छी तरह से समझ लेनी चाहिए। वैज्ञानिक लोगों की रक्षा के लिए काम करें

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