फगवाड़ा एक्सप्रेस न्यूज़ विनोद शर्मा
फगवाड़ा में अक्सर प्राइवेट स्कूलों में सुनने में आया है जो बच्चा प्राइवेट स्कूल में दाखिल हो जाता है यदि उस बच्चे की फीस को माफ करवाना है तो अक्सर प्राइवेट स्कूल कहते हैं यदि फीस नहीं दे सकते तो अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में डाल दो शायद आम जनता को प्रशासन जानकारी नहीं देता की शिक्षा के अधिकार कानून के अंतर्गत सरकार द्वारा बच्चों को फ्री शिक्षा मिलती है और सारी फीस सरकार प्राइवेट स्कूलों को खुद देती है फगवाड़ा के प्राइवेट स्कूलों में क्या शिक्षा का अधिकार नियम पूरी तरह से लागू है क्या प्राइवेट स्कूलों में 25% छात्रों की पढ़ाई फ्री कराई जाती है क्या प्राइवेट स्कूलों के पोर्टल पर आरक्षित सीटों की जानकारी उपलब्ध है क्या गरीब बच्चों के परिवार कक्षाओं में शिक्षा फ्री लेते हैं कौन-कौन से एरिया के हैं क्या वाक्य गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा फ्री मिल रही है जिसकी जांच सरकार को करनी अति आवश्यक है ताकि गरीब बच्चों को भी प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा मिल सके शायद सरकार की कोई चेकिंग नहीं है और सरकार गंभीरता से नहीं ले रही बता दे की शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सभी निजी स्कूलों के लिए यह अनिवार्य है कि वे अपनी 25% आरक्षित सीटों की जानकारी पोर्टल पर साझा करें. इन सीटों पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के बच्चों को प्रवेश दिया जाता है. पात्रता के अनुसार परिवार की वार्षिक आय 1.8 लाख रुपये या उससे कम होनी चाहिए. इस योजना के अंतर्गत बच्चों की पढ़ाई का पूरा खर्च सरकार उठाती है.

प्राइवेट स्कूल कहते हैं जाओ फीस नहीं दे सकते तो अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में डाल दो ले लो जानकारी शिक्षा केअधिकार कानून के अंतर्गत आप बिना फीस भी पढ़ सकते हो प्राइवेट स्कूलों में पढ़िए जानकारी।। फगवाड़ा एक्सप्रेस न्यूज़ विनोद शर्मा
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