इमरजेंसी में स्पेशलिस्ट डॉक्टरो के 24 घंटे रहने के लिए करोड़ों रुपए से बने थे क्वार्टर बन गए खंडहर सरकार का पैसा बर्बाद सिविल अस्पताल बना रेफर हॉस्पिटल।। विनोद शर्मा ।8528 121325

फगवाड़ा
Spread the love
Visits:138 Total: 78885

फगवाड़ा एक्सप्रेस न्यूज।। विनोद शर्मा।।
फगवाड़ा के सिविल हॉस्पिटल के क्वार्टर बने खंडहर आखिर क्यों बन गए खंडहर गरीब लोगों को अच्छी सेहत सुविधाएं प्रदान करने के लिए सरकार ने बनाए थे डॉक्टरो के 24 घंटे रहने के लिए क्वार्टर ताकि दिन रात मरीज को अच्छे डॉक्टरो का अच्छा इलाज मिल सके जबकि करोड़ों रुपए के बने क्वार्टर खंडहर बन गए सरकारी पैसा बर्बाद हो गया किसी को कोई चिंता नहीं लेकिन सरकार का इन डॉक्टरों पर कोई कंट्रोल नहीं है बताया जा रहा है कि सरकारी डॉक्टरों ने आपने प्राइवेट हॉस्पिटल भी खोल रखे हैं जो सरकार से भी लाखों रुपया लेते हैं और अपने हॉस्पिटल भी चला रहे हैं जिस पर सरकार को शिकंजा कसना चाहिए सरकारी हॉस्पिटल की अच्छी सुविधा के हमेशा सरकार ढोल पीटती है लेकिन गरीबों को अच्छा इलाज नहीं मिल रहा सिविल अस्पताल को यदि रेफर हॉस्पिटल कह दे तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी क्योंकि गरीब मरीज का ज्यादातर सिविल अस्पताल में इलाज नहीं हो रहा बल्कि मरीज रेफर किए जा रहे हैं इसका कारण है इमरजेंसी में स्पेशलिस्ट डॉक्टरो का क्वार्टरो में ना रहना। बेशक सरकार द्वारा स्पेशलिस्ट डॉक्टरो को24 घंटे क्वार्टरो में रहने के आर्डर हैं लेकिन सरकार का इन डॉक्टरों पर कोई कंट्रोल नहीं 2:00 बजे के बाद जब ओपीडी समाप्त होती है डॉक्टर अपने-अपने घरों को चले जाते हैं उसके बाद सीरियस मरीजों को रेफर करना आम बात है क्योंकि इमरजेंसी में जिस मरीज को दाखिल करना है उस बीमारी के डॉक्टर सिविल अस्पताल में मौजूद नहीं होते तब इमरजेंसी में डॉक्टर का बहाना होता है की आपकी बीमारी के डॉक्टर कल मिलेंगे मौके पर कॉल करके डॉक्टर को बुलाया नहीं जाता जबकि रेफर कर दिया जाता है सिविलअस्पताल में इमरजेंसी में जब कोई मरीज रात को आता है मांन लो उसके चोट लग गई फ्रैक्चर हो गया इमरजेंसी में डॉक्टर का बहाना होता है हड्डियों वाले डॉक्टर केस को देखेंगे इसका सुबह इलाज होगा मौके पर मरीज को रेफर कर दिया जाता है या फिर सुबह तक मरीज को इंतजार करवाते हैं डॉक्टर का इसी तरह कोई और गंभीर बीमारी का मरीज आ जाए तो एमडी डॉक्टर साहब इमरजेंसी में मौजूद नहीं है तो भी डॉक्टर मरीज को रेफर कर देते हैं सुबह तक वेट करवाते हैं यदि रात को कोई डिलीवरी आ जाए तो वह भी मरीज रेफर हो जाते हैं क्योंकि रात को लेडी डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं है यदि कॉल करके किसी डॉक्टर को बुलाया जाता है उतनी देर तक मरीज जिंदगी और मौत के बीच लड़ाई लड़ता है गरीब मरीजों को अच्छा इलाज दिलाने के लिए सरकार को इन डॉक्टरों पर शिकंजा कसना चाहिए और 24 घंटे स्पेशलिस्ट डॉक्टरो को क्वार्टरो में ररहना यकीनी बनाया जाए तब ही गरीब मरीजों को अच्छा इलाज मिल सकता है और डॉक्टर 24 घंटे क्वार्टरो में रहे तो हर इमरजेंसी को समय पर अटेंड किया जा सकता है और इमरजेंसी में मरीजों की जान बचाई जा सकती है और मरीज को इधर-उधर भड़कना नहीं पड़ेगा सरकार स्पेशलिस्ट डॉक्टरो को 24 घंटे क्वार्टरो में रखें और समय पर मरीज को इलाज मिले नहीं तो सिविल अस्पताल को रेफर अस्पताल कह दे तो ठीक ही होगा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *