*फगवाड़ा
जालंधर के आबादपुरा निवासी हरदीप बांगा व कुलदीप बांगा ने खत्री समाज वैलफेयर सोसायटी फगवाड़ा के प्रधान रमन नेहरा की प्रेरणा से अपने दिवंगत पिता राम लुभाया की आंखें दान करके दो नेत्रहीन लोगों की अन्धेरी जिंदगी को रोशन करने का सराहनीय प्रयास किया है। जब रमन नेहरा को राम लुभाया की मृत्यु का समाचार मिला तो उन्होंने तुरंत उनके पुत्रों हरदीप व कुलदीप से सम्पर्क कर दिवंगत पिता की आंखें दान करने के लिए प्रेरित किया जिस पर दोनों बेटे हरदीप व कुलदीप ने अपने पिता राम लुभाया की आँखों को मृत्युपोरांत जीवित रखने की सहमति दी। इसके बाद रमन नेहरा ने तुरंत जालंधर के थिंद अस्पताल से सम्पर्क किया तथा अस्पताल की टीम ने राम लुभाया की दोनों आंखें दान करने की प्रक्रिया को पूरा करवाया। रमन नेहरा ने बांगा परिवार की सराहना करते हुए कहा कि अपने दिवंगत पिता की आंखें दान करके दो नेत्र बाधितों की आंखों को रोशनी देने का यह निर्णय सारे समाज के लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने बताया कि मृत्यु के 6 से 8 घंटे बाद तक आंखें दान की जा सकती हैं। रमन नेहरा ने बताया कि नेत्रदान के साथ शरीर से रक्त का नमूना भी लिया जाता है। जिनकी जांच नेत्र बैंक द्वारा की जाती है और रक्त रिपोर्ट सही आने के बाद ही दान की गई आंखें जरूरतमंद मरीजों को प्रत्यारोपण की जाती हैं। इस दौरान शोकग्रस्त परिवार के साथ संवेदना प्रकट करने पहुंचे रिश्तेदारों ने भी नेत्रदान करने के निर्णय की प्रशंसा की तथा खुद भी अपनी आंखे दान करने का निर्णय लिया। इस अवसर पर रमन नेहरा ने बताया कि कोई भी व्यक्ति अपनी आंखें दान करने का फार्म भरने के लिए उनसे संपर्क कर सकता है।